हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह रिवायात "बिहार उल-अनवार" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول اللہ صلی اللہ علیہ وآلہ:
الْعِبَادَةُ عَشَرَةُ أَجْزَاءٍ تِسْعَةُ أَجْزَاءٍ فِي طَلَبِ الْحَلَال
पैग़म्बर (स) ने फ़रमाया:
इबादत के दस हिस्से हैं, जिनमें से नौ हिस्से हलाल जीविका हासिल करने से जुड़े हैं।
बिहार उल अनवार, भाग 103, पेज 9, हदीस 37
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